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Tuesday, November 13, 2018

कहीं आपके बच्चे नशा तो नही करते? | Causes of drug addiction

बढ़ते नशे के प्रति जागरूक रहें मां बाप |Causes of drug addiction




आज कल नशा एक सिरदर्द बना हुआ है। हर कोई इस समस्या के बारे में चिंतित हैं। लेकिन समस्या का कोई हल मिल नही पा रहा है। तरह तरह के फार्मूले ढूढे जा  रहे है।

 हिमाचल में एक नई कबायत शुरू हुई है , वो यह है कि अब सिलेबस में एक नया चैप्टर जोड़ने की तैयारी हो रही है । यक्ष प्रश्न यह है कि  इसका कितना असर दिखने वाला है । चाहे जो भी हो प्रयास तो हो रहे हैं।

कारण |Causes of drug addiction 

असली जड़ कहां है इस तरफ तो शायद ही किसी का ध्यान  जा रहा है। नशा केवल नशा करना मात्र नही है बल्कि ये हमारे सामाजिक और  आर्थिक पक्ष को भी उजागर करने वाला है। हमारा समाज कितना सजग और संवेदनशील है ये भी कही न कही इस कुरीति से जुड़ा हुआ है ।

सामाजिक पक्ष



आज समाज मे नैतिक मूल्यों का पतन होता दिख रहा है। अगर इसी तीब्रता से ये क्रम चलता रहा तो स्तिथि और भी भयानक हो सकती है। लोगों के पास अपने बच्चों का ध्यान रखने उन पर सकारात्मक निगरानी रखने का समय भी नही है। पेरेंट्स का अलावा किसी और को किसी के बच्चों से कोई सरोकार नहीं है।


कुछ साल पहले तक एक बुजुर्ग या बड़ी आयु का व्यक्ति पूरे गांव और पूरे समाज का बुजुर्ग हुआ करता था। मतलब वो यदि किसी बच्चे को कोई नशा या कोई भी गलत काम करते देख लेता था तो चाहे वो बच्चा किसी का भी हो उसे डांट दिया करता था। वो बच्चा भी उसकी डांट को सकारात्मक लेकर  उस गलती को सुधार लिया करता था। वो वयस्क उसके घर बालों को भी सूचित कर देता था  ताकि वो सजग हो सकें। आज इस बात की भारी कमी महसूस हो रही है। कोई भी पेरेंट्स सदा अपने बच्चों के साथ नही रह सकते । उस बक्त दूसरे बड़े व्यक्ति उनके पेरेन्ट्स  की भूमिका में होने चाहिए। ये सांझा निगरानी बहुत आवश्यक है।

आर्थिक पक्ष|Causes of drug addiction





नशे के गर्त में धकेलने के लिये आर्थिक पक्ष भी काफी जिमेबार है। कुछ परेंट्स अपने बच्चों को अंधाधुंध पैसा देते है । कुछ ज्यादा नही तो उतना दे देते हैं जितना बच्चे तरह तरह के बहाने बनाकर डिमांड करते है।  इसकी कोई छानबीन नहीं करते है कि मांगा गया पैसा कहां और किस चीज पर खर्च किया गया। आज स्थिति ये हो गई है कि जिन बच्चों को खुला पैसा मिल रहा है वो तो नशे को अपना रहे हैं बल्कि दूसरे भी उनकी देखा देखी में नशे को अपना रहे हैं चाहे पैसा प्राप्त करने के लिए उन्हें कोई अपराध ही क्यों न करना पड़े। बिना पैसे बाले नशे को बेचने का काम पकड़ लेते हैं।

बेरोजगारी की समस्या

आज  के युग मे जहां परिवार का पेट पालना दूभर है ऐसे में बेरोजगार होना और भी विनाशकारी होता जा रहा है।  पैसा कमाने के लिए आदमी किसी भी हद तक जा सकता है। यही बजह है कि बच्चों को एसेट के रूप में नहीं बल्कि बाजार के रूप में देखा जा रहा है। कोई भी बेरोजगार स्कूल में पढ़ने बाले बच्चों को नशा बेच कर पैसा कमा सकता है। किशोरावस्था में बच्चों को सोचसमझकर ही पैसा देना होगा ।और उसका उपयोग भी जरूर पूछना होगा। एक जागरूक परेंट्स बनना होगा।

बच्चों की क्षमता को पहचाने    Drug addiction in India  every parent should know 


हर माता पिता को अपने बच्चे की पोटेंशियल को पहचाना होगा। उनसे ज्यादा उम्मीद रखना बेमानी


है । उनसे उतनी ही आशा करो जितनी उसकी क्षमता है। डॉक्टर या इंजीनियर न बने तो कोई बड़ी बात नहीं , उसे अच्छा इंसान बना दो यही बड़ी बात है। अधिक उम्मीद से बच्चों में तनाव बढ़ता है , निराशा फैलती है। जिसका परिणाम ये निकलता है कि बच्चे नशे का सेवन करने लग जाते है।
MsB