एक समय की बात है। एक 11 साल का लड़का और एक 7 साल का लड़का अकेले खेतो के समीप खेल रहे थे । कुछ समय पश्चात वो खेलते खेलते कुएँ के पास पहुंच गए। दुर्भाग्य वश 11 साल का बच्चा कुएँ में गिर गया। दूसरे बच्चे ने सहायता के लिये पुकारा । लेकिन गांव दूर होने की बजह से कोई नही सुन सका। अब इस 7 साल के बच्चे ने कुएँ की रस्सी से ही बच्चे को निकालना शुरू कर दिया। और उसने निकाल भी लिया।
जब ये कहानी उसने लोगो को सुनाई तो किसी ने भी उस की बात पर विश्वास नहीँ किया ।
"ये तो असम्भव है , 7 साल का बच्चा 11 साल के बच्चे को कैसे इतने गहरे कुएँ से खींच सकता है।" - लोगों ने कहा।
लेकिन गांव के ही एक बुजुर्ग ने इस बात को सच मान लिया। लोगों ने हैरानी से उस से कारण पूछा ।
वह बूढ़ा व्यक्ति वोला "उस समय वह उसे खीचने में इतना खो गया कि उसे याद नही रहा कि वह बहुत छोटा था। और कोई उसे ये बताने बाला भी नही था कि वो इस काम को नहीं कर सकता है यहाँ तक कि बो स्वंय भी ये नहीं बता सका कि वह नही कर सकता है, और उसने उसे खींच लिया।"
असल मे हम कुछ करने से पहले ही हार मान लेते हैं या लोग बार बार ये कह कर हार मनवा देते है कि तुम नहीं कर सकते। जब हमारे इरादे दृढ़ हो तो सब आसान हो जाता है।
जब ये कहानी उसने लोगो को सुनाई तो किसी ने भी उस की बात पर विश्वास नहीँ किया ।
"ये तो असम्भव है , 7 साल का बच्चा 11 साल के बच्चे को कैसे इतने गहरे कुएँ से खींच सकता है।" - लोगों ने कहा।
लेकिन गांव के ही एक बुजुर्ग ने इस बात को सच मान लिया। लोगों ने हैरानी से उस से कारण पूछा ।
वह बूढ़ा व्यक्ति वोला "उस समय वह उसे खीचने में इतना खो गया कि उसे याद नही रहा कि वह बहुत छोटा था। और कोई उसे ये बताने बाला भी नही था कि वो इस काम को नहीं कर सकता है यहाँ तक कि बो स्वंय भी ये नहीं बता सका कि वह नही कर सकता है, और उसने उसे खींच लिया।"
असल मे हम कुछ करने से पहले ही हार मान लेते हैं या लोग बार बार ये कह कर हार मनवा देते है कि तुम नहीं कर सकते। जब हमारे इरादे दृढ़ हो तो सब आसान हो जाता है।
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